Saturday, February 18, 2012

10 लाख मुस्लिम लोगों ने गौ-हत्या के विरोध में हस्ताक्षर करवाए


मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुस्लिम भाइयों ने अमन प्रेम का सन्देश देते हुए एक ऐसे उदहारण को प्रस्तुत किया जो कभी देखा या सुना नहीं गया। इस समाचार को मेन स्ट्रीम मीडिया ने ब्रेकिंग न्यूज़ बना कर इसलिए नहीं दिखाया क्यूंकि इस समाचार से अमन और शान्ति का सन्देश मिलता है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, आर.एस.एस के तत्वाधान में एक ऐसा मंच है जो देश प्रेम की अनूठी मिसाल को प्रस्तुत कर रहा है।

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के कार्यकर्ता पूरे भारत में यात्रा कर एकता एवं अखंडता का सन्देश जन जन तक पहुंचा रहे हैं। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने लगभग १० लाख मुस्लिम लोगों के हस्ताक्षर गौ-हत्या के विरोध में करवा के दिखलाये। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय एकीकरण के इतने बड़े प्रयास को मीडिया ने कभी दिखाने का प्रयास नहीं किया।

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच विगत ३ माह से "हम हिन्दुस्तानी, कश्मीर हिंदुस्तान का", नाम से एक सशक्त अभियान चलाये हुए था। इस अभियान के अंतर्गत राष्ट्रवादी मुस्लिमों से मस्जिदों में प्रार्थनाएं की, व्याख्यान आयोजित किए एवं देश भर में सभाएं की। अभियान का समापन इस रविवार को दिल्ली में हुआ जिसमें इतनी सर्दी के बाद भी देश के २३ राज्यों के १७५ जनपदों से आये १० हज़ार राष्ट्रवादी मुस्लिमों ने भाग लिया। समापन समारोह में कश्मीर को शेष भारत से अलग संविधान देने वाली धारा ३७० को स्थायी रूप से समाप्त करने, कश्मीरी युवाओं को रोजगार दिलवाने, एवं पाकिस्तान एवं चीन द्वारा हड़प लिए गए कश्मीर के भूभागों को वापस लेने की मांगें उन १० हज़ार मुस्लिमों द्वारा एक स्वर में उठायी गयी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने गत माह पश्चिमी यूपी के मुस्लिम बहुल इलाकों में कई कार्यक्रम चलाए। पश्चिमी यूपी के कई जिलों मुरादाबाद, बरेली, सहारनपुर, मुजफ्फरपुर, मेरठ और आगरा में संगठन अलग-अलग स्ताथों पर मौलानाओं और समुदाय के प्रभावी लोगों से संपर्क में रहे।



Source:   http://hindi.ibtl.in/news/exclusive/1887/article.ibtl

मदरसे में कुरान के साथ भगवत गीता की शिक्षा

मदरसे में कुरान के साथ भगवत गीता की शिक्षा वाराणसी। वाराणसी के एक मदरसे में सांप्रदायिक सौहार्द का एक बेमिसाल उदाहरण देखने को मिलता है, जहां छात्रों को कुरान के साथ-साथ भगवत गीता की भी शिक्षा दी जा रही है। यह आदर्श स्थिति शहर के छतरपुर इलाके स्थित 45 साल पुराने बहरूल-उलूम मदरसा में देखने को मिल रही है, जहां छात्र कुरान की आयतों के साथ-साथ गीता के श्लोक भी पढ़ रहे हैं। मदरसा संचालक 60 वर्षीय हाजी मुख्तार अहमद ने बताया, कुरान के साथ हिंदू शास्त्रों को पढ़ाने के पीछे हमारा उद्देश्य छात्रों को दोनों धार्मिक पुस्तकों में बताई गई बातें बताना हैं, ताकि उन्हें जीवन में ढालकर वे अपना भविष्य बेहतर बना सकें। अहमद के मुताबिक, इससे वे दोनों धर्मग्रंथों में बताई बातों को एक-दूसरे से जोड़े सकेंगे और उनके मन में कुरान के साथ-साथ भगवत गीता के लिए भी सम्मान जागृत होगा। उन्होंने कहा, इस कदम के पीछे हमारा उद्देश्य सांप्रदायिक सौहार्द और आपसी भाईचारे को मजबूत करना है। दोनों धर्मग्रंथों में एक ही बात बताई गई है कि ईश्वर एक है।
वर्ष 1964 में स्थापित हुए इस मदरसे में करीब एक साल पहले भगवत गीता व अन्य हिंदू शास्त्रों की पढ़ाई शुरू हुई थी। अहमद के अनुसार, हमारा उद्देश्य मदरसे में पढ़ने वाले छात्रों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करना और उन्हें एक बेहतर इंसान बनाना है।
मदरसा पदाधिकारियों के मुताबिक, यहां छात्रों को चारों वेद- ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद की भी शिक्षा दी जाती है। यहां करीब 2500 छात्र पढ़ते हैं। लड़कियों के लिए 12वीं तक शिक्षा की व्यवस्था है, जबकि लड़कों के लिए आठवीं तक पढ़ाई की सुविधा है। मदरसे में कई हिन्दू शिक्षक हैं, लेकिन फिलहाल यहां कोई हिन्दू छात्र नहीं पढ़ रहा।

Source  : http://www.jagran.com/spiritual/religion-6514.html