
मदरसे में कुरान के साथ भगवत गीता की शिक्षा वाराणसी। वाराणसी के एक मदरसे में सांप्रदायिक सौहार्द का एक बेमिसाल उदाहरण देखने को मिलता है, जहां छात्रों को कुरान के साथ-साथ भगवत गीता की भी शिक्षा दी जा रही है। यह आदर्श स्थिति शहर के छतरपुर इलाके स्थित 45 साल पुराने बहरूल-उलूम मदरसा में देखने को मिल रही है, जहां छात्र कुरान की आयतों के साथ-साथ गीता के श्लोक भी पढ़ रहे हैं। मदरसा संचालक 60 वर्षीय हाजी मुख्तार अहमद ने बताया, कुरान के साथ हिंदू शास्त्रों को पढ़ाने के पीछे हमारा उद्देश्य छात्रों को दोनों धार्मिक पुस्तकों में बताई गई बातें बताना हैं, ताकि उन्हें जीवन में ढालकर वे अपना भविष्य बेहतर बना सकें। अहमद के मुताबिक, इससे वे दोनों धर्मग्रंथों में बताई बातों को एक-दूसरे से जोड़े सकेंगे और उनके मन में कुरान के साथ-साथ भगवत गीता के लिए भी सम्मान जागृत होगा। उन्होंने कहा, इस कदम के पीछे हमारा उद्देश्य सांप्रदायिक सौहार्द और आपसी भाईचारे को मजबूत करना है। दोनों धर्मग्रंथों में एक ही बात बताई गई है कि ईश्वर एक है।
मदरसा पदाधिकारियों के मुताबिक, यहां छात्रों को चारों वेद- ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद की भी शिक्षा दी जाती है। यहां करीब 2500 छात्र पढ़ते हैं। लड़कियों के लिए 12वीं तक शिक्षा की व्यवस्था है, जबकि लड़कों के लिए आठवीं तक पढ़ाई की सुविधा है। मदरसे में कई हिन्दू शिक्षक हैं, लेकिन फिलहाल यहां कोई हिन्दू छात्र नहीं पढ़ रहा।
Source : http://www.jagran.com/spiritual/religion-6514.html
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